Scrolling Bold Black Text Freedom Through Fashion ___ Attire Speaks ___ Look Good To Make India Clean
Home » business » बांग्लादेश सत्ता विद्रोह भारत के लिए आपदा या अवसर ?

बांग्लादेश सत्ता विद्रोह भारत के लिए आपदा या अवसर ?

कल रात से न्यू चैनल और आज सुबह से बांग्लादेश में चौराहे उपद्रव का रौद्र रूप सत्ता ज़बरदस्ती हिंसात्मक तरीके से उखाड़ फेंकने की खबर, विचार, सलाह, वार्ता और संभावनाओं से भरा हुआ है।

जो की ठीक भी है। नेपाल में राजा विक्रम देव के परिवार की रहस्यमय हत्या के बाद और बार बार सीमा पर के भारत के विरोधी देशों की तरफ झुकाव वाली सरकारों का सत्ता में आना भारत के सबसे मित्र पड़ोसी देश नेपाल से संबंधों में खिंचाव आया था। इसके बाद बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसका जन्म भारत के प्रयासों से हुआ था जिसने अंग्रेज़ी द्वारा जीवन पर्यंत भारत को पूर्व और पश्चिम दिशा पर उलझा के रखने के सपने को चूर चूर कर दिया था । ऐसे में बांग्लादेश जो की तीन तरफ से भारत से सीमा साझा करता है ? भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश, राजनीतिक, फ़ौजी व्यापारिक और सामाजिक सुरक्षा के द्रष्टिकोण से महत्व पूर्ण ही गया। 1971 के बाद बांग्लादेश बनने से भारत कुछ इन चारों विषयों पर कुछ निश्चिंत हो गया थे। परंतु कुछ समय बाद बार बार भारत से कम संबंध रखने वाली सरकारों का फ़ौजी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से गठन होता रहा है।

शेख हसीना की सरकार भारत के साथ हमेश मित्रतापूर्ण भी रही और उन्होंने बांग्लादेश को औद्योगिक प्रगति के द्वारा आम जानता के जीवन स्तर को भी बहु तरक्‌की दी। परंतु वह वहाँ की जनता के सामाजिक विकास को नहीं बदल सकी जिस तरफ़ डॉ मनमोहन सिंह की सरकार भी भारत में नहीं कर पायी ।

अब मुद्दा है भारत के लिए यह आपदा है या अवसर । मेरा सोचना है कि फौजी और सामाजिक रूप से यह आपदा है और व्यापारिक और राजनीतिक रूप से यह अवसर है ।

आज केवल व्यापारिक अवसर की बात करूंगा। शेख हसीना द्वारा चीन का व्यापार का बहुत हनन किया था विशेषता लेबर संबंधित उद्योगों में । उन्होंने अपने मज़दूरों को कुशल प्रशिक्षण देकर और उद्योगपतियों की सस्ती भूमि और अन्य आर्थिक सहायता द्वारा विश्व के सैकड़ों बड़े ब्रांडों का प्रोडक्शन छीन कर बांग्लादेश के गरीबों का जीवन स्तर बहुत ऊपर कर ।
आज भारत के लिए अवसर है कि इससे पहले चीन इस गारमेंट उद्योग को वहाँ से हड़प के के जाये भारत को अपने गारमेंट उद्योग तो द्रुत गति से आगे बढ़ाये इसके लीन निम्न सुझाव हैं।

1. औद्योगिक ज़मीन को उद्यमियों को ना बेचकर नौ वर्ष तक उनकी बिक्री के 4-5 प्रतिशत किराए पर दिया जाये जो की हर छमाही की समाप्ति के बाद देय हो।
2. इस उद्योग की मशीन के आयाम पर कोई शुल्क आयात या जीएसटी ना वसूला जाये। और विमान द्वारा लाने पर सब्सिडी दी जाये।
3. स्किल डेवलपमेंट योजना इस उद्योग को प्राथमिकता दे और ग्रामीण एवं कसनी के सरकारी स्कूलों में इस प्रशिक्षण का तेज अभियान चलाये ।
4. फैशन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के 10 संस्थान आईआईटी के पैटर्न पर खोले जायें ।
5. पाँच वर्ष के लिए लेबर कानून को इस उद्योग पर ना लागू किया जाये ।
6. यदि कोई उद्यम इस उद्योग में किसी भी मजदूर को 15000/- से अधिक वेतन देता है हॉट 5000/- प्रति महीने उस मज़दूर के पीपीएफ खाते में सरकार द्वारा किया जाये ।
7. किसी भी सरकारी इंस्पेक्टर या अधिकार (पोल्युशन विभाग की छोर कर) को संस्थान पर छोटा या सर्वे करने को रोका जाये ।

Fitenue News
Author: Fitenue News

Most Read

  • BUSINESS ALLIANCE
  • upskillninja
  • digitalgriot
  • buzzopen