विचार मंथन के मुख्य विचारक का मानना है कि शिक्षा अच्छी भाषा से संवाद और पहनावे की गुरवत्ता से होती है। आज एक अनौपचारिक वार्ता में उन्होंने बताया कि छात्रों पर किताबी शिक्षा का बोझ बहुत अधिक हो गया है, इसके कारण बच्चों का विकास धीमा हो गया है। उनका मानना है कि हुनर वाली आबादी ही देश को आगे ले जा सकती है। उनका मानना है कि जब तक आप सोनी किताबी शिक्षा का असली जदिगी में अपने कार्य स्थल सुर रोज मर्रा के जीवन में प्रयोग करना नहीं सीखते तो आपकी किताबी शिक्षा आपको केवल समय काटना और वार्तालाप में अनावश्यक विचार व्यक्त करने की होड़ प्रदान करता है। उन्होंने एक बहुत अच्छा उदाहरण व्यक्त किया कि हम सभी बचपन से भूगोल पढ़ते हैं किंतु कभी भी दिशाओं और लेटलीटूड और लंगीतुड का मार्ग को बताने, जगह की पहचान में नहीं कर पाते ।। जबकि गाँव में पुराने बजुर्ग लोग उत्तर दक्षिण, पूरब और पश्चिम का भरपूर प्रयोग करते हैं। सभी बच्चे अच्छी हिन्दी और इंगलिश पढ़ते हैं परंतु वो इन भाषाओं के शिष्टाचार और भाषिये सुंदरता को व्यवहार में नहीं ला पाते ।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बच्चों को सजने संवरने की शिक्षा के साथ भाषा के सुंदर इस्तेमाल की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। बच्चों को विभिन्न प्रकार के स्थानों और संस्कृक्तियों का अनुभवहीन करना चाहिए। आज समय है कि तीस प्रतिशत किताबी शिक्षा पर समय दिया जाए और सत्तर प्रतिशत समय इन किताबी ज्ञान का व्यावहारिक
उपयोगी बताना चाहिए । उन्होंने माना कि इसमें कार्यस्थलों और सामाजिक कार्यक्रमों में अच्छी भाषा संवाद, परिधानों के साथ संवारने की भी महतता पर भी बल दिया जाये। कार्यालया और कार्यशाला दोनों में परिधानों के नियामक होने चाहिए ।
साथ ही राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक संस्थाओं को भी नियामक बनाने चाहिये। सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान एक अच्छी शुरुआत और सोच थी परंतु इसके रूपरेखा और इसका किर्याणवान बहुत ही कमजोर रहा। इसके लिए उन्होंने एक अलग से विभाग की स्थापना की माँग की जो की स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्तर्गत होना चाहिए। इस विभाग में इस तरह की पेशेवर लोगो को रखना होगा जो की व्यक्ति स्थान और व्यवहार की स्वच्छता तो समझते हों और सरकारी कार्मिकों के साथ ही पुलिस और सामाज को भी व्यवहार, भाषा और स्थान की स्वच्छता को सुनिश्चित कर सकें । अच्छे रंगो का चयन, अच्छे वस्त्रों और अच्छे डिज़ाइन के भवन सड़क सार्वजनिक स्थानों के निर्माण से ही स्वाच भारत बनेगा। अच्छे दिखो का नारा बुलंद करना भी एक राष्ट्रीय ध्येय होना चाहिए ।