Scrolling Bold Black Text Freedom Through Fashion ___ Attire Speaks ___ Look Good To Make India Clean
Home » fashion » “फैशन के माध्यम से स्वतंत्रता”

“फैशन के माध्यम से स्वतंत्रता”

आज विचारमंथन के मुख्यविचारक और भारतीय कल्याण समिति के उपाध्यक्ष से बातचीत के दौरान उन्होंने भारत में बढ़ती हुई कट्टरता और रूढ़िवादिता के माध्यम से जानता की स्वतंत्र सोच को कमजोर होने पर गहन चिंता व्यक्त किया । उनका मानना है कि सत्तालोलुप और सामन्तवाद सोच हमेशा अनुशासन और संस्कृति के नाम के दरवाज़े से आम इंसान की जीवन व्यतीत करने की स्वतंत्रता का हनन या कहो चोरी करता है ।
इस सत्तालोलुप और स्वयं की महिमामण्डन की भूख हमेशा से ही कमजोर वर्ग को अपना हथियार बनाती है और उनके जीने की स्वतंत्रता का हनन कर उन्हें हमेशा दबा कर रखना चाहती है ।
श्री सिंह जो नोएडा को भारत की “फैशन राजधानी “ बनाने में जुटे हुए हैं , ने फैशन की उच्च वर्ग के विशेषाधिकार को हर वर्ग के व्यक्ति का मौलिक अधिकार बनाने का आहवान किया है ।
उन्होंने मीडिया से १०% समय फैशन के लिए माँगा है । क्योंकि फैशन एक मात्र मार्ग है ,जो धर्म जाति और सामाजिक भेदभाव और वैमनस्यता को समाप्त कर सकता है । भारत के स्वच्छ अभियान को सफल बिना “अच्छा दिखो” और स्कूली स्तर से फैशन को ज़िंदगी का हिस्सा बनने पर ज़ोर दिया ।
उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हुए बताया कि वर्ष १९७७ तक उनकी शिक्षा यह महत्वूर्ण हिस्सा था ।
उन्हें याद है की स्कूल की शुरुआत ही व्यक्तिगत सफ़ाई और पोशाक -परिधान द्वारा अपने व्यक्तित्व को निखारने और “बुकक्राफ़्ट”, “वुडक्राफ़्ट”, “लेदरक्राफ़्ट” और सिलाई कला में दक्ष बनने से ही शुरू होती थी । परंतु धीरे सत्ता का लोभ लालच बढ़ने के साथ बच्चों के हुनर हासिल करने के हक़ को छीन कर उन पर (अपने राजनीतिक हित की साधने के किए ) इतिहास की भ्रमात्मक और भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण से कल्पना को थोपा जाने लगा ।
बच्चों का सिलेबस महापुरुषों की संख्या चंद्रमा की तरह बढ़ने लगी और हमारा युवा कौशल और हुनर की दौड़ से बाहर हो गया ।
आज हमारा युवा महापुरुषों की विचारधारा के लिए परस्पर भिड़ने के साथ साथ इतिहास के बादल के फटने के कारण जीवन से सार , उद्देश्य को भूल कर आगे जाने वाली सड़क पर विपरीत दिशा में दौड़ रहा है ।
इन सब समस्याओं और बाधाओं को फ़ैशन के द्वारा ही दूर किया जा सकता है । उन्होंने निम्न बिन्दुओं पर विचार बताए।

  1. फैशन आत्म-अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक शक्तिशाली उपकरण है। यह व्यक्तियों को अपने कपड़ों की पसंद के माध्यम से अपने व्यक्तित्व, मूल्यों और विश्वासों को व्यक्त करने की अनुमति देता है। कई मायनों में, फैशन मुक्ति की भावना प्रदान करता है, लोगों को सामाजिक मानदंडों और अपेक्षाओं से मुक्त होने में सक्षम बनाता है।
  2. फैशन के माध्यम से, व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक पहचान व्यक्त कर सकते हैं, अपनी विरासत का जश्न मना सकते हैं और अपनी विशिष्टता प्रदर्शित कर सकते हैं। यह सामाजिक टिप्पणी के लिए एक मंच भी प्रदान करता है, जिससे डिजाइनरों और उपभोक्ताओं को स्थिरता, शरीर की सकारात्मकता और समावेशिता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने की अनुमति मिलती है।
  3. भारत में, फैशन ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए स्वतंत्रता और आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पारंपरिक कपड़ों के जीवंत रंगों और पैटर्न से लेकर आज के आधुनिक, समकालीन डिजाइनों तक, फैशन सशक्तिकरण के एक साधन के रूप में विकसित हुआ है, जो व्यक्तियों को अपने जीवन पर नियंत्रण रखने और खुद को प्रामाणिक रूप से व्यक्त करने में सक्षम बनाता है।

– राकेश

Fitenue News
Author: Fitenue News

Most Read

  • BUSINESS ALLIANCE
  • upskillninja
  • digitalgriot
  • buzzopen